M Pneumoniae News:चीन से माइकोप्लाज्मा निमोनिया पहुंचा भारत ,जाने सावधानी,लक्षण और बचाव..

AIIMS M Pneumoniae News:चीन में फैल रही एक जानलेवा बीमारी, माइकोप्लाज्मा निमोनिया, दिल्ली तक पहुंच गई है और इससे आईआईएमएस (AIIMS) में सात मामलों की जांच की गई है। यह भयानक सांस की बीमारी के कारण हो रही है, और इससे दिल्ली में कई बच्चों को प्रभावित होने की आशंका है। इस खबर से घबराने की बजाय, सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

चीन में बच्चों को लक्ष्य बनाने वाली इस बीमारी के संक्रमण के कारण, दिल्ली में इसे पहचाना गया है और कई पैरेंट्स अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए चिंतित हैं। हालांकि, विशेषज्ञों और डॉक्टरों ने लोगों को घबराने की बजाय सतर्क रहने की सलाह दी है।

भारत में, एम्स (AIIMS) अस्पताल में इस बीमारी के सात सैंपल पॉजिटिव मिले हैं जो अप्रैल से अक्टूबर के बीच टेस्ट किए गए थे। इस बीमारी के कुल 67 टेस्ट किए गए और इसमें से एक टेस्ट RTPCR तकनीक से पॉजिटिव था, जबकि 6 टेस्ट igmElisa तकनीक से पॉजिटिव थे।

देश में माइकोप्लाज्मा निमोनिया के लिए एक ग्लोबल सर्विलांस ग्रुप है जो समय-समय पर टेस्टिंग करता है, लेकिन इस बार कुछ अधिक केस पॉजिटिव मिले हैं। इस पर अब और अधिक अनुसंधान हो रहा है।


एम्स की यह अध्ययन माइकोप्लाज्मा निमोनिया के प्रसार की निगरानी करने वाले ग्लोबल रिसर्च ग्रुप का हिस्सा है, और हमें इसे समझने की आवश्यकता है। आमतौर पर, माइकोप्लाज्मा निमोनिया सबसे अधिक बच्चों और स्कूल-जानेवाले बच्चों को प्रभावित करने का आलस्य करता है, लेकिन यह किसी भी वयस्क को भी प्रभावित कर सकता है। इसलिए, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर रहने वाले और संक्रमण के खतरे में रहने वाले व्यक्तियों को इस बीमारी के खतरे के लिए विशेष ध्यान रखना चाहिए।

माइकोप्लाज्मा निमोनिया के लक्षणों और बचाव के बारे में जानकारी होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। बच्चों में इस बीमारी के संक्रमण के लक्षण में गले में खराश, थकान, बुखार, और लंबे समय तक बनी रहने वाली खांसी और सिरदर्द शामिल हैं। कुछ मामलों में सांस लेने में कठिनाई होती है और ब्लड प्रेशर भी कम हो सकता है। इसके अलावा, बच्चों और बुजुर्गों में इस बीमारी के अन्य लक्षण भी हो सकते हैं।

कुछ सावधानियों का पालन करके इस बीमारी से बचा जा सकता है। जैसे हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोना बिना हाथों को चेहरे छूने का प्रयास करना, और संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखना यह सभी महत्वपूर्ण हैं।

इस बात का ध्यान रखें कि पैनिक होने की बजाय, सतर्क रहना हमें सही दिशा में ले जाएगा। डॉक्टरों की सलाह और मार्गदर्शन के साथ, हम सभी मिलकर इस सामाजिक समस्या का सामना कर सकते हैं और स्वस्थ रह सकते हैं।

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